ख़ुशी ख़ुशी घर से निकली छबीली और उसकी बेटी मोनी को क्या पता था कि जब वो लौटकर घर को आएँगी तब तक उनका सब कुछ उनसे छिन चुका होगा? कोई उनके ही गाँव का, उनकी ही पहचान का उनके साथ दरिंदगी कर देगा? दोनों को क्या पता था कि माँ के सामने बेटी को और बेटी के सामने माँ को नोंच खएगा? कुछ और करने गयीं लेकिन जब लौटीं तो कुछ और हो गया. ख़ुशी की खबर तो मिली लेकिन इस दरिंदगी के बाद से उसका ध्यान तक मन में न आता था.
ख़ुशी ख़ुशी घर से निकली छबीली और उसकी बेटी मोनी को क्या पता था कि जब वो लौटकर घर को आएँगी तब तक उनका सब कुछ उनसे छिन चुका होगा? कोई उनके ही गाँव का, उनकी ही पहचान का उनके साथ दरिंदगी कर देगा? दोनों को क्या पता था कि माँ के सामने बेटी को और बेटी के सामने माँ को नोंच खएगा? कुछ और करने गयीं लेकिन जब लौटीं तो कुछ और हो गया. ख़ुशी की खबर तो मिली लेकिन इस दरिंदगी के बाद से उसका ध्यान तक मन में न आता था....
Dharmendra Rajmangal is a Hindi writer, was born (28 june 1993) in Hathras District Uttar Pradesh. He is first writer of his village Panchayat, history of 100 Years. 'Mangal Bazaar' is his first published Novel. second novel 'swapnadosh-the night fail' is as ebook. third 'Amarbel' as ebook.
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